Ayodhya से बीजेपी की हार पर क्या बोले अयोध्यावासी, क्या है BJP के हारने की वजह


Faizabad, Aayodhya BJP News: अयोध्या की चर्चित फैजाबाद लोकसभा सीट पर 'इंडिया' गठबंधन ने जीत दर्ज की है यहां से समाजवादी के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद सांसद बनें और बीजेपी के प्रत्याशी लल्लू सिंह इस सीट से हार गए, करीब 50 हज़ार से अधिक वोटों से हार हुई। अयोध्या से बीजेपी की हार पूरे देश में चौंकाने वाले मुद्दा बना हुआ है, बीजेपी की हार और जीत पर जब रिपोर्टर्स द्वारा अयोध्या जनता से पूछा गया तो पढ़िए लोग क्या बोले

रिपोर्टर के पूछने पर आम नागरिक ने बताया कि

"यहां लोगों की जो जमीन गई यहाँ आवासीय मकान उनका मुआवजा सही नहीं मिला और पुनर्वास के लिए हम लोगों को जमीन दी गई, कोई कागज पत्थर नहीं मिल रहा"
इसलिए नाराजगी है?
"हाँ नाराजगी पूरे जिले में है। पूरा टूर फूट सब मचा हुआ है जो मेरा था चला गया, अब सरकार में है किराये पे है जब चाहेगी सरकार निकाल देगी।"


क्या कारण रहा होगा हारने का? 

रिक्शा चालक ने बताया

"हारने का कुछ लोग ऐसा कह रहे हैं कि जैसे अपने यहां लल्लू खड़े हैं। दो बार की विधायक रह चुके थे पहले, फिर सांसद हो गए, आदमी को जलन होने लगी। एक प्रत्याशी मतलब मंत्री जी ने प्रत्याशी थोड़ा गलत चुन लिया, किसी और को चुनते तो थोड़ा हाथ निकल जाते।"


महिला दुकानदार ने अयोध्या में परिवर्तन पर बताया

"कौन परिवर्तन बा, जोन तब रहा तऊन आज बाए, तब तो सीताराम का भनक कानेम जात रहा अब तो उहो नाई जात है।"

अयोध्या के बुजुर्ग नागरिक ने क्या बताया

"विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, हारे हुए विधायक इन सब लोगों ने मिलकर के माननीय सांसद लल्लू सिंह को हराया, खुला विरोध किया जितना कर पाए।"


अयोध्या के आम आदमी ने क्या कहा

"विपक्ष वाले अपनी गलत बात को सही साबित कर ले गए कि संविधान बदल देंगे ,आपके वोट डालने का अधिकार खत्म कर देंगे और ये अपनी सही बात को नहीं साबित कर पाए, वो इनकी गलत गलत बात को साबित कर ले गई। विपक्ष वाले, मेन कारण तो यही था।"
इडली डोसा बेचने वाले दुकानदार ने बताया

"हार का कारण उन लोगों की गलती है, हार का कारण है क्योंकि जो हमारे निषाद समाज है यहाँ से पीड़ित हैं यहां दुकान बना हुआ था, तो हमने उनसे कहा कि हम लोग को दुकान दिया जाए तो लल्लू सिंह बताए कि हमेशा राज बदलता है आज तुम लोग कमाए हो अब कोई और कमाएगा, ये जो गुजरात के आ रहे हैं काम उनको मिल रहा है, अयोध्यावासियों को कोई काम ही नहीं मिल रहा है निषाद समाज नाव चलाता था ये नांव डाल दिए है।"


ये बयान वहां के व्यक्तियों द्वारा दिए गए हैं, इसका NS NOW से कोई संबंध नहीं है।

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