Uttar Pradesh, Shikshamitra News: लोकसभा चुनाव में यूपी की कई सीटों पर बीजेपी की हार हुई, समाजवादी पार्टी ने 37 तो बीजेपी ने 33 सीटें जीती हैं। यूपी में बीजेपी की इस हार के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने तबाड़तोड़ बैठकें करके आचार संहिता या अन्य कारणों से रूके हुए सभी कार्यों को करने का आदेश दे रही है। वहीं यूपी के शिक्षामित्रों ने अक्टूबर महीने में धरना-प्रदर्शन किया था जिसके बाद सरकार द्वारा कमेटी गठित कर दी गई। शिक्षामित्रों की समस्याओं के साथ शिक्षामित्र नेताओं ने कमेटी के साथ मिलकर प्रस्ताव तैयार किया, शिक्षामित्र नेताओं द्वारा बताया गया कि प्रस्ताव शासन में जाने से पहले आचार संहिता लग गया। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने आने के बाद आचार संहिता हट गई जिसके बाद शिक्षामित्र नेताओं ने प्रस्ताव को शासन में पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी,
आइए पढ़ते हैं शिवकुमार शुक्ला ने प्रस्ताव ने प्रस्ताव के बारे में क्या बताया
चुनाव के बाद शिक्षामित्रों की क्या है रणनीति, शिवकुमार शुक्ला ने बताया
Shikshamitra News Today: उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने बताया कि "हम लोगों की कोई रणनीति नहीं है। हम लोगों ने पिछले 1 साल में पूरी रणनीति पर काम किया और शिक्षामित्रों से संवाद के माध्यम से समाधान की तरफ ले जाने का पूरा कोशिश किया। उसमें हमारा जनवरी का धरना शामिल था, उसमें हमारा रैली शामिल थी 20 फरवरी की, उसके बाद 18 अक्टूबर का विशाल कार्यक्रम सम्मिलित था। उसके बाद कमेटी का निर्धारण हुआ। निदेशक महोदय की अध्यक्षता में कमेटी बनी। कमेटी के सभी मेंबरों ने शिक्षा मित्रों की समस्याओं को समझा, हम सब के साथ बैठक हुई।
बैठक के बाद प्रपोजल बना और प्रपोजल उत्तर प्रदेश की सम्मानित सरकार के प्रमुख सचिव महोदय के माध्यम से प्रेषित किया गया। चुनाव आचार संहिता प्रभावित हुई तो माननीय मुख्यमंत्री जी के यहाँ से निर्देश हुआ। प्रमुख सचिव ने हम लोगों को अवगत कराया कि अब आपके समस्याओं का समाधान या आपका प्रस्ताव जो गया है, इस पर चर्चा हम लोग चुनाव के बाद करेंगे और इसका निस्तारण करेंगे। अब चुनाव समाप्त हो गया। हम लोग भी चुनाव के प्रतीक्षा में थे। सरकार बन गई। सरकार पुनः देश में भारतीय जनता पार्टी की बनी और स्टेट में है ही। तो अब मैं पुनः आपके चैनल के माध्यम से मान्य मंत्री जी से मान्य मुख्यमंत्री जी से ये अनुरोध करूँगा कि शिक्षा मित्र बहुत ही पीड़ित है और अपने संकट भरे जीवन को लेकर के समाज में जी रहा है। इसलिए जो हमारा प्रस्ताव गया है, उसमें आप अधिक से अधिक बेहतर से बेहतर व्यवस्था करके शीघ्र लागू करें, जिससे शिक्षा मित्रों के जीवन में भी थोड़ा सा संपन्नता आए।
शिक्षा मित्रों के जीवन में भी सुधार हो और इसी को लेकर के हम लोग परसों से ही हमारी पूरी कमेटी प्रदेश नेतृत्व महामंत्री जी है आदरणीय वशिष्ठ जी हैं, नौरंग जी हैं, हम हैं, हर नाम जी हैं लखनऊ से और तमाम हमारे साथी कोई बनारस में काम कर रहा हैं, कोई मिर्जापुर में लगा हुआ हैं, अपने संबंधित मंत्रियों से विधायकों से सांसदों से मिलकर के और हम पुनः एक बार निवेदन करेंगे की शिक्षामित्रों के समस्याओं का समाधान हो और उसी को लेकर के कल हमारी बात डाइरेक्टर महोदय से हुई थी। आज मैं महानिदेशक महोदय से मिलने का अभी प्रयास करूँगा। सब लोग का शासन में बैठक चल रहा हैं। अभी छुट्टियों का उतार चढ़ाव चल रहा है। अभी संभवता छुट्टी का कोई गाइडलाइन जारी हो गया है की जून भर गर्मी बहुत है अगर भीषण गर्मी को देखते हुए छुट्टियों का अवकाश जो 15 जून तक था, इसको बढ़ाया गया है तो सरकार से मैं यही निवेदन करूँगा कि आप सब कुछ देख रहे हैं, आपने कर्मचारियों को भी देखिए, हमारी क्या समस्या है? पिछले 8-10 साल से हम लोग कितने पीड़ित है। 17 से आज तक हमारा मानदेय नहीं बढ़ा। हमारे अवशेष साथियों जो बच गए थे उनका आपने सम्मेलन नहीं किया। उनको मूल विद्यालय वापस नहीं किया। महिलाएं जिनकी शादी हो गई है उनके बच्चे हो गए हैं, उनका परिवार टूट रहा है। हम लोग बार बार अनुरोध कर रहे हैं।
हमारी कमेटियां अनुरोध कर रही है। इसको आप महसूस कर रहे हैं.
उसके बाद उन्हें रिलैक्सेशन नहीं दे रहे हैं और ये कोई कहना है कि पद सृजन नहीं है। अब आप इसको स्थानांतरण कर देंगे। सरकार का आदेश हो जाएगा तो जिसको जहाँ आप भेज देंगे वहाँ काम करेगा और उसका जीवन खुशहाल कैसे होगा? सरकार को इसपे प्राथमिकता के आधार पर काम करना चाहिए। यही बात को लेकर हम अधिकारियों से भी मिल रहे हैं और अधिकारियों से मिलेंगे। माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलने का पूरी कोशिश करेंगे और अधिकारियों से भी मिलेंगे, मान्य मंत्री जी भी आयेंगे लखनऊ अभी आये नहीं है, उनसे भी मिलेंगे सुबह मै मान्य मुख्यमंत्री जी के यहाँ गया था, वो सोमवार तक बाहर है, लौटेंगे फिर उनसे मिलूंगा और 1 बार फिर संवाद से समाधान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाऊंगा। इसी में हमारा पूरा संगठन पूरी ताकत से लगा हुआ है।"
आज और बीते कल की मुलाकात में क्या हुआ
Shikshamitra Samachar: UPPSS के अध्यक्ष ने बताया " प्रक्रिया चल रही थी, प्रस्ताव हमारा जा रहा था तो आदरणीय निर्देशक साहब कुछ समय हमारे महदेव साहब थे, उनकी अध्यक्षता में कमेटी का गठन हुआ था, उन्होंने प्रस्ताव बनवाया था, उनको सम्पूर्ण जानकारी थी उसके बाद दूसरे साहब आ गए और फिर चुनाव संहिता लागू हो गयी कल उन्होंने कहा है पत्रावली वो देखेंगे और प्रस्ताव जो हमारा है वो डीजी मैडम के माध्यम से गया हैशासन में, तो सम्पूर्ण जानकारी उनको है और धीरे धीरे पार्टी व्यू में लोग काम कर रहे हैं। तो मेरी पूरी कोशिश होगी और आपके चैनल के माध्यम से पूरे प्रदेश के शिक्षा मित्रों से भी अनुरोध करेंगे की आप अपने शब्दावली पर, अपनी लेखनी पर पूरी तरह से नियंत्रण रखें। चुनाव में हम लोग सरकारी कर्मचारी थे, पूरी तरह से सरकार के पक्ष में हम लोगों ने काम किया।
सरकार का जो आदेश निर्देश था उसमें हमारे शिक्षामित्रों ने पूरा पालन किया। मैंने आपको बीच में भी बताया था कि जहां तक शिक्षामित्रों के जो चुनाव आयुक्त का आदेश हुआ था उसके विपरीत जा कर के अधिकारियों ने हमसे सहयोग लेने का प्रयास किया चाहे वो वालंटियर के रूप में चाहे सामग्री वितरण के सहयोगी के रूप में हमने पुरे प्रदेश के 1 कलेक्टर से हमारी बात हुई, उन्होंने कहा हमारे पास कर्मचारी नहीं है, हमने कहा पूरा सहयोग करेंगे तो चुनाव में पूरी तरह से हमने सहयोग किया, अब मैं सरकार से चाहता हूँ आपकी सरकार बन गई है। अब हमारी समस्या का समाधान भी होना चाहिए क्यूंकि आपका साफ तौर पर कहना है की आपने सरकार का पूर्ण रूप से साथ दिया तो अब शिक्षा मित्रों की जो समस्या है। काफी वक्त बीत चुका है तो उसका भी समाधान होना चाहिए और कहना भी कहीं न कहीं बिल्कुल सही है। क्यूंकि 8, 10 साल बहुत बड़ी बात होती है जीविका चलाना बहुत बड़ी बात होती है।
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महिला शिक्षामित्रों का ट्रांसफर
Mahila Shikshamitra Transfer News: महिलाओं के सम्बन्ध में शिवकुमार शुक्ला ने बताया कि महिलाओं के विषय में पूरी ताकत से हम अपनी बात कर रहे हैं और सरकार को इस संवेदनशील मामले को समझना चाहिए कि जब शादीशुदा नहीं थी हमारी बहनें, उनका पोस्टिंग किसी गाँव में हो गया, ससुराल मायके में हो गया। अब उनकी शादी हो गयी। कोई अपनी बहन बेटियों को पूरा जीवन बैठा के नहीं रखेगा, उनकी शादी हो गई। शादी के बाद वो अपने ससुराल चली गई। ससुराल में बच्चे हैं, परिवार है। अब वो 6 दिन मायके में रह कर पढ़ती है। सातवे दिन शाम को भाग के अपने ससुराल जाती है। 1 दिन रहती है वहाँ से जब चलने लगती है। बच्चे अलग होते हैं, परिवार अलग टूटता है, परिवार में लोग उनको अलग ताने देते हैं की 10 हजार रुपए में तुम परिवार छोड़ के जा रहे हो। तो ऐसी परिस्थितियां हैं तो सरकार को इस पर पूरी गंभीरता से पूरी निष्ठा के साथ विचार करना चाहिए और महिलाओं के साथ या जो हमारे साथी 10 हजार में 80 किलोमीटर, 100 किलोमीटर जा के लौट रहे हैं उनका 10 हजार रूपया केवल पेट्रोल के लिए होता है।
इन तमाम चीजों पर और सबसे बड़ा मुद्दा है आर्थिक समस्या में सुदरता आनी चाहिए। हमारा स्थायीकरण करे स्थायीकरण, जब तक नहीं होता है तब तक इतना बेहतर मानदेय दें की शिक्षामित्रों का जीवन बेहतर हो सके, हमारे बच्चों की पढ़ाई हो सके, हमारे माँ बाप की दवाई हो सके, हमारी व्यवस्था सुदृण हो सके। चूंकि सब लोग जिम्मेदार हो गए हैं। अब वो 20 साल 24 साल पहले वाला समय नहीं रहा। हम लोग अपने परिवार के जिम्मेदार लोग है इसलिए सरकार को आपके चैनल के माध्यम से अनुरोध करते हैं। आग्रह करते हैं की अब शिक्षा मित्रों की समस्याओं का समाधान कर दीजिये क्योंकि पीर पर्वत सी हो गई। अब तो पिघलना चाहिए अब हिमालय से नई गंगा निकलनी चाहिए, हमारी समस्याओं का समाधान होना चाहिए और समाधान के लिए हमारा संघर्ष जारी है और यह संघर्ष अभी हमारा बातचीत का दौर चल रहा है। पूरी कोशिश होगी की हम टेबल टाक से अपनी समस्याओं का समाधान कराएं अन्यथा हम शिक्षा मित्रों के साथ बैठक करेंगे उनसे विचार विमर्श करेंगे। फिर अगली रणनीति पर बात करेंगे।
सभी शिक्षक संघों को होना चाहिए एक साथ
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ हमने सबके सहयोग में काम किया। चाहे वो आदरणीय दिनेश चंद्र शर्मा प्राथमिक शिक्षक संघ के है पेंशन बहाली का आंदोलन किया 2021 जनवरी में आपने देखा कि उसमें दूसरे नंबर पर अगर किसी ने पूरी ताकत के साथ, जबकि मुझे पुरानी पेंशन से कोई लाभ नहीं था। हमने उनकी मदद किया। उसके बाद अनुदेशकों का धरना था हमने सहयोग किया। सरकार को शिक्षा मित्रों के साथ-साथ सबकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। सरकार एक माता और पिता के तुल्य होती है। प्रदेश की जनता के कर्मचारियों की, किसानों के नौजवानों के लिए हम जो कुछ भी करेंगे, हम सरकार से अपनी बात सम्मानजनक तरीके से निवेदन करेंगे, हम मांगेंगे और हम सोचेंगे की संवाद से हमारा काम हल हो और अब सरकार को भी चाहिए कि
इन समस्याओं का समाधान हो। यही हमारा अनुरोध है आपके चैनल के माध्यम से कि सरकार हमारा स्थायीकरण कर दें, न्यूनतम वेतन मान पर कर दीजिये, अधिकतम वेतन मान पर कर दीजिये। वर्तमान समस्या का समाधान तभी होगा, उसमें हमको सारे लाभ मिल जाएंगे, मेडिकल लाभ मिल जाएगा, अवकाश का लाभ मिल जाएगा, प्रसूति अवकाश का लाभ मिल जाएगा। अब हम अलग अलग आप से डिमांड कर रहे हैं तो 1 पूरे प्रदेश में आपको शिक्षकों की जरूरत है। आप जहाँ कहीं कमियां हो उसको सुधारिए और सुधार करके शिक्षा मित्रों का स्थायीकरण करिए।
जब तक स्थायी प्रक्रिया नहीं होती है तब तक जो प्रपोजल गया है शिक्षा मित्रों का बेहतर मानदेय कर दीजिये, उनकी अन्य जो समस्या है उसका समाधान कर दीजिये, यह हमारी मांग है।