सातवें वेतन आयोग के हिसाब से शिक्षामित्र-अनुदेशक को वेतन दे सरकार, शिक्षक नेता ने उठाया मुद्दा

Shikshamitra Anudeshak News: शिक्षामित्र वा अनुदेशक नियमतीकरण वा सामान कार्य समान वेतन के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं, शिक्षामित्र वा अनुदेशक लम्बे समय से धरना-प्रदर्शन करते आ रहे हैं तथा अधिकारीयों वा नेताओं को अपने मांगों का मांग पत्र सौंपते रहते हैं। मगर अभी तक सरकार द्वारा इनके हित में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। आइए पढ़ते हैं शिक्षामित्रों वा अनुदेशकों की समस्याओं को उठाते हुए शिक्षक नेता तारकेश्वर शाही ने क्या कहा है।


शिक्षामित्र और अनुदेशकों को नियमित करें सरकार


Shikshamitra Anudeshak Samayojan News: शिक्षामित्र वा अनुदेशकों के संबंध में शिक्षक नेता तारकेश्वर शाही ने कहा है कि "शिक्षामित्र-अनुदेशकों को नियमित करने का काम करे, प्रक्रिया में लाये और जब तक नियमित नहीं कर पा रही है उनको एक समान मानदेय दे। सातवे वेतन आयोग में जो न्यूनतम वेतन निर्धारित किया गया है 


उसके आधार पर शिक्षामित्रों को, अनुदेशकों को, आशा बहनों को भी, आंगनवाड़ी को, कस्तूरबा विद्यालय के शिक्षकाओं को, उच्च शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा के शिक्षकों को, स्पेशल एजुकेटर को, कम से कम न्यूनतम मानवीय जो निर्धारित है‌ 


सातवे वेतन आयोग का वो देने का काम करे और नियमितिकरण की तरफ आगे बढ़े और निजीकरण को अब तक जो किया वो किया निजीकरण को समाप्त करने की जरुरत है। 


हमारे बेसिक शिक्षा विभाग में जिस विद्यालय पर 50 से कम छात्र संख्या होगी उस विद्यालय के शिक्षक और बच्चों को बगल के विद्यालय में अटैच कर दिया जायेगा। 

इसका मतलब ये हुआ उस विद्यालय को खाली करा दिया जायेगा"
 


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