कमेटी के प्रस्ताव के बारे में शिवकुमार शुक्ला ने बताई आगे की रणनीति | Shikshamitra News



Uttar Pradesh Shikshamitra News: उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार द्वारा एक कमेटी गठित की गई थी, कमेटी द्वारा शिक्षामित्र नेताओं के साथ मिलकर प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है। लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण प्रस्ताव की फाइल सरकार तक ना पहुंच सकीं श, जिसकी जानकारी शिक्षामित्र संघ ने दी, वहीं आचार संहिता हटने के बाद‌ शिक्षामित्र लगातार कमेटी की फाइल को सरकार तक पहुंचाने की बात कर रहे हैं। कमेटी के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने तथा आचार संहिता हटने के बाद शिक्षामित्रों का पहला कदम क्या होगा इसकी जानकारी शिव कुमार शुक्ल ने दी है।


आचार संहिता हटने के बाद क्या होगा शिक्षामित्रों का पहला कदम

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने बताते हुए कहा कि "सभी जिला अध्यक्षों, प्रांतीय पदाधिकारियों, मंडलीय अध्यक्षों को बुलाकर सारे लोगों के साथ बैठक करूंगा तथा कमेटी पर विचार करके अगली रणनीति पर जो भी चर्चा निकल कर आएगी, उस पर निर्णय लेंगे। हमारी प्रमुख सचिव शिक्षा से वार्ता हुई थी उन्होंने कहा था कि चुनाव समाप्त हो फिर आप लोग आइए तो मैं उस दिशा में काम करना प्रारंभ करूँगा। 


पहले प्रमुख सचिव से मिलकर उसके बाद पत्रावली के संबंध में आगे बढ़ाऊंगा और तब तक सरकार का गठन हो जाएगा। सरकार का गठन होने के बाद मुख्यमंत्री जी फ्री हो जाएंगे। अभी एक बार मंत्री जी से मिलकर उनको धन्यवाद दूंगा, लेकिन उनके पिताजी चुनाव हार गए हैं, उनको भी कष्ट है और उसमें हम लोग शामिल होंगे। ये राजनीति है, कभी चुनाव जीता जाता है, कभी हारा जाता है ये एक प्रक्रिया है लेकिन उनका जितना जरूरी था। बहुत ही महत्वपूर्ण सीट थी लेकिन वो चुनाव हार गए। मैं मंत्री जी से भी मिलूंगा और मंत्री जी से मिलने के बाद अन्य तमाम मंत्रियों से और विधायकों से मिलकर के जनप्रतिनिधियों वा अधिकारियों से सीधा मैं संवाद स्थापित करूँगा और कोशिश करूँगा कि बड़े समन्वय के साथ शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान हो जाए। 


सरकार हमारी पीड़ा को सुने। हम सरकार के साथ वार्ता करके अपनी समस्याओं का समाधान कर लें। अगर इस केस का समाधान नहीं होता है तो मैं अपने साथियों के साथ बैठकर करके उनसे बातचीत के बाद जो निर्णय आएगा उस निर्णय के बाद अगली रणनीति पर विचार होगा। अभी 3-4 दिन सरकार के गठन में चले जाएंगे। सरकार के गठन के बाद कामकाज जैसे ही शुरू होता है हम प्राथमिकता के आधार पर इस विजन को लेकर के और सरकार के पास जाने का प्रयास करेंगे और उम्मीद होगी है कि सरकार को सुनना चाहिए क्योंकि मुख्यमंत्री जी ने कहा था कि चुनाव के बाद हम शिक्षा मित्रों की समस्याओं पर चर्चा करेंगे। जहाँ तक चीफ सेक्रेटरी साहब हमारी पत्रावली ले भी गए थे, सभी के संज्ञान में हैं। महानिदेशक भी गई थी।


उसके बाद भी उन्होंने किसी कारण से मना कर दिया होगा तो मैं एक बार फिर माननीय मुख्यमंत्री जी के पटल पर अपनी बात ले जाऊंगा, रखूँगा और निवेदन करूँगा की अब हम लोगों की समस्या का समाधान करिए, ये कर्मचारी आपका है और आप इस प्रदेश के मुखिया है और हम सब की समस्याओं का समाधान करके एक बड़ी कृपा कीजिए क्योंकि अब समस्या बहुत विकट हो गई है। शिक्षामित्रों के खर्च नहीं चल पा रहे हैं। लोगों की दवाइयां नहीं हो पा रही। बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही हैं और जिम्मेदारियों का निर्वहन ना कर पाने के कारण ही तमाम लोग हमारे बीच में नहीं रहे। तमाम लोग इलाज के अभाव में नहीं रहे। तमाम लोग समस्याओं को जो है बर्दाश्त ना कर पाए, सहन ना कर पाए, बोझ ना उठा पाए, आत्महत्या कर लिया, फांसी लगा लिया, नदी में कूद गए, ट्रेन पर कूद गए तो ये तमाम घटनाएं जो हैं। इन तमाम घटनाओं पर विराम लगेगा और निश्चित तौर से शिक्षा मित्रों की समस्याओं का समाधान हो।


अनुदेशकों की भी समस्याओं का समाधान हो, इसके लिए संघर्ष हमारा आगे जारी है।"

Post a Comment

Previous Post Next Post