मच्छर चालीसा | Machar Chalisa



Machar Chalisa Lyrics In Hindi: आपके सामने पेश है मच्छर चालीसा.

परेशान जिस जीव से, सारा हिंदुस्तान...
उस जीव के गुणों का, करता आज बखान...
घर के अतरी कोनों में, महाराज आप का वास रहे.
गंदी नाली और नापदान बस दोही खास निवास रहे.
समदर्शी आप कहाते हैं निर्धन-धनाढ्य से काम नहीं.
बच्चा बूढ़ा हो या जवान, करने देते आराम नहीं.
घट घट में वास आप का है, है प्रेम खेत खलिहानों से.
है फोर्स आपके साथ चले डरते न किसी इंसानों से.
न भूत प्रेत से डरते हो, ना जंगल झाड़ी खेतों से.
न चोट कोई पहुँचा सकता लाठी डंडा या बेटों से.
मारना चाहो तो हाथ से ही औजार न कोई मार सके. 
मामूली धुएं से डरते हो ना ऐटम बम से हार सके.
सोते हुए इंसानों पर ना रहम आपको आता है.
जब सुई चुभोते चमडी में बेचैन शख्स हो जाता है।
संगीत तुम्हारी मधुर-मधुर, सुन रोम-रोम थरराता है
न नींद दोबारा आती है, जगते ही भोर हो जाता है
ये जनता है चीज ही क्या, डरते हैं एमपी, एमएलए है
हे नाश आपसे डर करके, मच्छर दानी में है पेले 
सामने आपके आने से मलेटरी इनकार करें 
चमोल मची है त्राहि-त्राहि, लेकिन अब क्या सरकार करे
तुम से पंगा लेने के लिए, सरकार सामने आई है
हर गंदी नाली नापदान में डलवाती रोज दवाई है 
फिर भी गाजर के क्षेत्रों को करके तबाह ही छोड़ा है 
6-6 महीने तक पीड़ित हो, दम किसी-किसी ने तोड़ा है।
ना सक्षात हो प्रकट आप, साये से ही सब डरते हैं
कर जोड़ झुका सर को अपने, विनती ये आपसे करते हैं
ना याद आपकी आए कभी, साए से आपके दूर रहूं
ना दर्शन कभी आपके हो, हर निश सोता भरपूर रहूं

हंसे और सबको हंसाए, शेयर करें...

कवि: इंद्रपाल वर्मा

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