25 साल की उम्र के बाद शादी करना चाहिए या नहीं? जानकर हैरान हो जायेंगे

Marriage After 25 Years: 25 साल के बाद शादी करने के बारे में जानिए 'मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज' क्या कहते हैं?
मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज

अपने प्रवचन के दौरान 'प्रमाण सागर महाराज' ने 25 वर्ष के बाद शादी करने के बारे में कहा है कि "आजकल उच्च शिक्षा का दौर चल पड़ा। उच्च शिक्षा के बाद नौकरी करना भी जरुरी है। साल-दो साल लोग नौकरी करना चाहते हैं, उसके बाद लोग विवाह की बात सोचते हैं। 25 के पहले तो सोचते ही नहीं और उसके बाद के जो कुपरिणाम सामने आ रहे हैं उनमें 2 बातें बहुत गंभीर है, पहली तो यह कि लेट मैरेज के पीछे संतानोत्पति में बहुत दिक्कतें होती हैं, डॉक्टरों के चक्कर काटने पड़ते हैं  और ये सब चिकित्सक भी बोलते हैं और दूसरी बात आपस में इगो क्लैश ज्यादा होता है, आज तलाक के कारणों में एक बड़ा कारण यह भी है, हमारे शास्त्रों के अनुसार विवाह कन्या का होता है और कन्या 20-22 साल तक होती है, उसके बाद तो परिपक्व युवती बन जाती है। दाम्पत्य जीवन तभी सफल होता है जब सभी लोग एक दूसरे के पूरक और प्रेरक बनने के लिए एक-दूसरे की भावनाओं का ख्याल रखते हुए एक-दूसरे के प्रति समर्पित हो कर के थी पर जब ज्यादा पढ़-लिख जाए, अच्छा पैकेज खाने पाने लगे और किसी पर डिपेंडेंसी न हो, उम्र भी परिपक्क हो जाए तो वहां अहंकार आ जाता है और जब अहंकार आता है तो हमारे संबंधों के बीच दीवार खड़ी हो जाती और जहाँ ये दीवार होगी वहां रिश्तों में दरार होगा। इसलिए इस बात पर बहुत गंभीरता से विचार करना चाहिए, सोच बड़ी होनी चाहिए और यदि इन बातों का अनुकरण करेंगे, तो जो आजकल बहुत तरह के भटकाव हो रहे हैं और बिखराव हो रहे है दोनों से बचा जा सकेगा, हमें इन बातों पर बहुत गंभीरता से विचार करना चाहिए और बच्चों को ये बात अच्छे से समझाना चाहिए कि जीवनसाथी का चुनाव एक साधारण निर्णय नहीं है पूरे जीवन को निर्वाद आगे बढ़ाने का संकल्प है उसके लिए पूरी समझ होनी चाहिए। वैसी समझ लेकर के चले और अनुभव के साथ चले तो बहुत-बहुत अच्छे परिणाम आयेंगे। आज सब में स्वतंत्रता की बात आ रही है लेकिन धीरे धीरे जो परिणाम आ रहे हैं वो हम सब देख रहे हैं। माँ-बाप जैसे तैसे विवाह करते हैं और थोड़ी दिन बाद जब दोनों अलग अलग हो जाते हैं तो माँ बाप के पास अपना सिर पकड़ने के अलावा कुछ नहीं बचता और उनका भी करियर चौपट हो जाता है तो इस पर गंभीरता से विचार होना चाहिए। युवक युवतियों को यह बात अच्छे से समझाना चाहिए और उसे तथ्यों के आधार पर समझाना चाहिए। केवल धर्म की बातें, समाज की बातें या शास्त्रीय बातें कहने से उनको समझ में नहीं आती, लेकिन जब हम इन बातों को तथआत्मक तरीके से उन्हें बताएंगे तो बहुत फर्क पड़ता हैं। मुझे एक चिकित्सक ने बताया कि दुनिया में इस बात पर बहस चालू हो रही कि लेट मैरेज रूकना चाहिए। ये तथ्य है इसके पीछे वैज्ञानिक आधार है हम लोगों को पता है हमारे यहां ये कहा गया है कि उमक बाल भावे, नग परि पुण्य, कन्या जैसे ही बाल भाव से मुक्त हो जाए जिसके नवांग पर परिपूर्ण हो जाए, वह विवाह के योग हो गई। बाल विवाह का जैन धर्म में कोई स्थान नहीं उसका निषेध है पर उस उम्र के पड़ाव को टच करके अगर करें तो परिणाम आएंगे। 


Post a Comment

Previous Post Next Post