अक्सर हम चूल्हे पर दूध को गर्म करते हुए किसी अन्य काम में व्यस्त हो जाते हैं और दूध को गर्म करने के लिए रखा है यह भूल जाते हैं, परिणामस्वरूप दूध गिर जाता है। दूध धार्मिक सांस्कृतिक अनुष्ठान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वास्थ्य और धार्मिक दृष्टि से दूध को बहुत जरूरी और पवित्र माना जाता है। दूध को हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण आहार माना जाता है, दूध को देवी दुर्गा और वैदिक साहित्य में भगवान इंद्र के प्रसाद से रूप में ग्रहण किया जाता है और देवराज इन्द्र को दूध अर्पित किया जाता है। हिंदू धर्म में गौ माता की पूजा की जाती है तथा इनके दूध को गौ अर्पण के रूप में पूजा, व्रत और धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है।
उबलते हुए दूध का गिरना
हिन्दू धर्म में दूध को महत्वपूर्ण आहार माना जाता है, चूल्हे पर उबलता हुआ दूध कई बार गिर जाता है, जिसके बाद हमें चिंता सताने लगती है कि उबलता हुआ दूध गिरना शुभ या अशुभ! हिन्दू धर्म के अनुसार दूध का गिरना शुभ संकेत के रूप में देखा जाता है, दूध का गिरना धार्मिक सांस्कृतिक संदेश के रूप में माना जाता है, इससे इससे घर में समृद्धि, खुशहाली तथा अच्छे लक्ष्यों की प्राप्ति का एक संकेत कहा जाता है। घरों में लोग इसे प्रसन्नता के साथ स्वीकार करते हैं।
दूसरी दृष्टि से सोचें तो उबलते हुए दूध का गिरना एक विवादित विषय है, इसे हमेशा शुभ या अशुभ दृष्टि से सोचा जाता है। कुछ लोग तो इसे शुभ मानते हैं लेकिन कुछ अशुभ। यहां कुछ लोगों के मान्यता अनुसार शुभ संकेत दिए गए हैं।
1. परिवार के साथ सम्बंध
उबलते हुए दूध का गिरना शुभ संकेत माना जाता है,
दूध का गिरना परिवार के सदस्यों के बीच मधुर संबंध स्थापित करने का संकेत माना जाता है।
2. आर्थिक समृद्धि
उबलते दूध का गिरना परिवार के सदस्यों के बीच संबंध मज़बूत करने का संकेत माना जाता है, साथ ही दूध के गिरने को आर्थिक समृद्धि के संकेत के रूप में माना जाता है।
3. अनुकूल संदेश
उबलते हुए दूध का गिरना मेहमान या किसी अन्य संबंधि के आने का संकेत भी माना जाता है। इसे एक अनुकूल संदेश का संकेत भी माना जाता है।
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4. स्वास्थ्य में सुधार
घरों में उबलते हुए दूध का गिरना रोगों से मुक्ति का संकेत माना जाता है, इसे स्वास्थ्य में सुधार के संकेत के रूप में देखा जाता है।
दूध गिरने के संदर्भ अलग-अलग हो सकते हैं, ऊपर दिए गए बातों को भविष्यवाणी मानना उचित नहीं है, इन बातों को संज्ञान में लें सकते हैं, लेकिन पूर्ण रूप से निर्भर रहना उचित नहीं है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, NS NOW इस विषय में किसी प्रकार की कोई पुष्टि नहीं करता है, इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है)
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